मेरी आध्यात्मिकता मुझे क्या सिखाती है, आज इस बारे में बात करते हैं.

१. मेरी आध्यात्मिकता मुझसे कहती है, की तुझे जीना है, सिर्फ बाहरी तौर पर ही नहीं, आंतरिक तौर पर भी, भौतिक तौर पर ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक तौर पर भी, मात्र शाब्दिक तौर पर ही नहीं ,अपने चारित्रिक तौर पर भी , इन कुछ विशेष क्षेत्र में तुम्हे खुद को जीवित रहना बहुत जरूरी है

२. मेरी आध्यात्मिकता मुझे "गाँधी जी " के उस आदर्श का पालन करने के लिए कहती है, जिसमें उनका कहना है कि "जो परिवर्तन तुम इस संसार में देखना चाहते हो, पहले उसके भागी बनो , किसी न किसी प्रकार से उसके लिए आगे बढ़ कर काम करो" तभी अपने इस सपने को सफलता की राह पर देख सकते हो "
३. मेरी आध्यात्मिकता मुझे ये सिखाती है की "धर्म की स्थापना" और उसके "विकास की अपेक्षा" तभी करो जब उसमें इंसानियत के लिए उचित स्थान दे पाओ
४. आध्यात्मिकता यही कहती है की एक पूरी तरह गलत इंसान भी किसी अवसर पर सही काम करता है, तो उस सही काम को उसकी गलतियों की सूची से निकाल कर उसके स्वाभाव के सम्बन्ध में एक नयी सूची का निर्माण करो
५. मेरी आध्यात्मिकता मुझे अपने शब्दों को पूरी निष्ठा और दृढ़ निश्चय के साथ व्यवहार में लाने के लिए प्रेरित करती है
६. मेरी आध्यात्मिकता मुझे प्रेरित करती है की जब भी तुम्हें लगे की इतना मुश्किल काम मैं सिर्फ अकेले क्यूँ कर रही/रहा हूँ तो एक बार अपने आस-पास के इंसानों को याद करलेना किसी ना किसी ने ये काम या इसके सामानांतर काम जरूर किया होगा
७. आध्यात्मिकता ने मुझे ये बताया है, एक समय अगर एक अच्छा इंसान स्वयं की अच्छाई को थोड़ी देर के लिए भूल गया है, और वह कुछ गलत करने का प्रयास कर रहा है, तो अपनी पूरी सामर्थ्य के साथ उसे उस रस्ते से वापस सही जगह लाने में जुट जाओ
८. आध्यात्मिकता ने मुझे बताया है कि तुम्हारा क्रोध अगर तुम्हें तुम्हारे भविष्य का निर्माण नहीं करने दे रहा तो उसी क्षण निश्चित करलो की में अपने क्रोध का भविष्य बिलकुल फलित नहीं होने दूंगा
९. "जय श्री राम" या "जय श्री कृष्णा" का जाप भौतिक स्तर पर जब करो तो उसके आत्मिक स्तर तक पहुंच बनाने के लिए करो वरना तुम दिखावटी खिलोने बन जाओगे
१०. मेरी आध्यात्मिकता मुझे इंसान बनने के लिए कहती है, और जिसके लिए मेरी कोशिश हमेशा बनी रहती है
मेरी आध्यात्मिकता मुझे ये सिखाती है, मेरी आध्यात्मिकता मुझे ये सिखाती है !
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